सुरेन्द्र मिनोचा:
एमसीबी:- क्षेत्र में लागातार बढ़ रहें अपराधो का मुख्य कारण बेरोजगारी और नशा है। क्षेत्र में बढ़ते अपराधो में बेरोजगार युवाओं की संलिप्तता अधिक देखी गई है। बेरोजगारी और नशा एक ऐसी समस्या है जो आज के युवाओं को अपराधों के दलदल में फंसाता जा रहा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा दर्ज आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है। स्वाभाविक रूप से, यह युवाओं को निराश करता है क्योंकि अपनी शिक्षा पर बहुत समय और पैसा खर्च करने के बावजूद उन्हें एक अच्छी नौकरी पाने में मुश्किल होती है। इससे कई युवाओं के मन में व्यवस्था के प्रति आक्रोश की भावना पैदा होती है, जो फिर विद्रोह करते हैं और अपने जीवन में अपराधों का सहारा लेते हैं । युवा पुरुषों में बढ़ती बेरोजगारी के परिणामस्वरूप अक्सर वे ड्रग और शराब का सेवन करते हैं, जो अपराध और हिंसा के प्रमुख कारकों में से एक के रूप में देखा जाता है। जरूरी नहीं कि बेरोजगार शहरी गरीब तबके के हों। यहां तक कि एक अच्छे परिवार से आने वाला व्यक्ति भी अपराध को किसी न किसी रूप में बदल सकता है।
आज एम सी बी जिले की बात की जाए तो इसका स्थान पहले दर्जे पर रखा जा सकता है। जहां ज्यादा पढ़े लिखे युवा रोजगार के लिए बाहर शहरों में जा सकते हैं। लेकिन कम पढ़ा लिखा युवा ना तो बाहर जा सकता है और ना ही क्षेत्र में रोज़गार की कोई ऐसी व्यवस्था है जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सके, फलतः वही बेरोजगार नशे की चपेट में आ कर अपराधों को अंजाम देता है।
“नेताओं को नहीं है कोई सुध”इतनी बड़ी समस्या होने के बाद भी नेता वर्ग द्वारा आज तक इस विषय पर कोई पहल नहीं की गई है। उन्होंने केवल अपने हितों को ही प्राथमिकता दी है । लेकिन यह कहां तक सही है कि जिस जनता से मीठे वादे कर आप चुने जाते हैं।जब उन्ही जनता को आपकी आवश्यकता होती है तब आप अपना पलड़ा झाड़ते नजर आते हैं। जब एक बेरोजगार युवक के पास अच्छा रोज़गार होगा तो शायद वह अपराधिक घटनाओं में अपना समय ना देकर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकेगा । लेकिन एम सी बी में आए दिन अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि युवाओं का जीवन एक ऐसे गड्ढे में जा रहा है जहां से निकल पाना संभव नहीं। आज पुरे क्षेत्र में सट्टा, गांजा, शराब, जुआ जैसे अपराधिक मामले चरम पर है जिसका मुख्य कारण सिर्फ बेरोजगारी और नशा है ।