राजिम:- छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम को धर्म, आस्था और संस्कृति का केन्द्र माना जाता है। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर दूर-दराज क्षेत्रों से श्रद्धालु पर्व स्नान में शामिल होकर दिनभर मेला का आनंद लेते नजर आए। ऐसी मान्यता है कि पुण्य स्नान कर शिवजी की पूजन करने से सभी पाप धूल जाते है। भगवान भोलेनाथ भक्तों से अतिशीघ्र प्रसन्न होते है। इसलिए यहां धार्मिक, यज्ञ, अनुष्ठान आदि कार्य सुबह से ही प्रारंभ हो जाते है। हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों की मान्यता है जिसमें मुंडन संस्कार को विशेष महत्व दिया गया है। पंड़ितों ने बताया कि मुंडन संस्कार को विशेष मुहुर्त में किया जाता है। मान्यता है कि बालक के अपनी मां के गर्भ में 9 माह तक रहने पर उसके बालों में कई दूषित कण आ जाते है और मुंडन संस्कार से उसके बालों को कांटकर उस अशुद्धि को दूर किया जाता है। यह भी मान्यता है कि मुंडन संस्कार से व्यक्ति के पिछले जन्मों के ऋणों से मुक्ति मिल जाती है। इस कर्म से बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास अच्छी तरह से होता है। यजुर्वेद में लिखा है कि इससे शिशु के बल, आयु, आरोग्य तथा तेज में वृद्धि होती है। महाशिवरात्री में कुलेश्वर मंदिर के समीप बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने छोटे बच्चों का मुंडन कराने पहुंचे थे।