दूसरे दिन बही रामकथा की भक्ति का बयार।

राजिम:- प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय मानस मण्डली प्रतियोगिता के दूसरे दिन भी प्रदेश के 13 जिलों के नामी मंडलियों ने अपने अंदाज में सुमधुर गीत संगीत से अत्यंत ही कर्णप्रिय प्रस्तुति दे कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पहली प्रस्तुति गौरेला पेण्ड्रा मरवाही ने प्रस्तुति की, इन्होंने रोचक अंदाज में रामकथा का वर्णन किया।

फिर जांजगीर चांपा के मण्डली ने बेहतरीन तरीके से कथा रसपान कराया। तीसरे क्रम में सीताराम मानस मण्डली सक्ति के व्याख्यान में शबरी कथा पर खूबसूरती के साथ प्रस्तुति दी। कहा कि भक्ति कभी बूढ़ी नही होती, लोग शबरी को बूढ़ी कहते थे लेकिन भगवान राम ने उसे भामनी, सुंदरी कहा। श्री राम ने शबरी की भक्ति का बखान किया। कहा कि शबरी भाव है। भक्ति अभिमान नही करती, आज शबरी की कृपा है कि छत्तीसगढ़ में नवधा भक्ति होती है। चौथे क्रम में श्री आंजनेय मानस परिवार मानपुर मोहला अंबागढ़ चौकी के कथाकार ने किष्किंधा काण्ड पर पर प्रस्तुति दी। कहा कि बाली राजसी अभिमान का रूप है। इसके बाद कोंडागांव के गंगासागर मानस मण्डली ने सुन्दकाण्ड का वर्णन किया। कहा कि संतसभा मिल जाय तो समझ लेना चाहिए कि पूण्य प्राप्त हो गया, सत्संग बहुत ही भाग्य से प्राप्त होता है।

जय जगदम्बा मानस मण्डली सूरजपुर ने अयोध्या कांड पर कथा प्रसंग किया कहा कि भक्त भगवान को ज्ञान, कर्म, उपासना के मार्ग से अपने प्रेम अनुसार प्राप्त कर सकते है। मानस टीम का संगीत और व्याख्या सुंदर रहा। प्रगति मानस मंडली जिला कोरिया ने बालकांड कथा पर तीर्थ राज प्रयाग की महिमा का बखान करते हुए कहा कि ऐसे स्थान परम् रमणीय होता है। प्रयागराज में दान करने से पुण्य प्राप्त होता हैं। इसी तरह क्रमशः 13 जिले के मानस मंडलियों ने देर शाम तक अपनी प्रस्तुति देते रहे। इस अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष पुष्पा साहू, जिला पंचायत सदस्य द्वय रोहित साहू, शेखर साहू, संतोष शर्मा, नूतन साहू, रोमन साहू एसडीएम पूजा बंसल, मोहित कुमार मोंगरे, राज्य स्तरीय रामायण प्रतियोगिता के सहायक नोडल अधिकारी युगल तिवारी सहित निर्णायक मंडल एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि व विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।