रेंजर दीक्षा वर्मन का ट्रांसफर होने के बाद भी रोका गया क्यों?
सुरेन्द्र मिनोचा
एमसीबी/ खड़गवां :- बैकुंठपुर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र खड़गवां के ग्राम मंगोरा में हाथी ने एक युवक की जान ले ली है।
उपरोक्त संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार खड़गवां वन परिक्षेत्र अंतर्गत गांव मंगोरा का एक युवक 17 नवंबर को जब मतदान करके घर वापस लौट रहा था तभी अचानक रास्ते में हाथी की चपेट में आ गया।यह भी जानकारी मिली है कि युवक के साथ में दो अन्य लोग भी थे, जो भाग कर अपनी जान बचाने में सफल रहे। लेकिन उमेश सिंह पिता अमर सिंह नामक युवक अपनी जान नहीं बचा पाया और हाथी की चपेट में आ गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग की टीम ने मृतक के परिजनों को 25000 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की है। वहीं ग्रामीणों ने वन परिक्षेत्र अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि रेंजर दीक्षा वर्मन को इसकी जानकारी दी गई थी परंतु जानकारी होने के बावजूद भी वह यहां पर उपस्थित नहीं थी जबकि हाथी एक दिन पूर्व से ही गांव में विचरण कर रहे थे।गांव वालों ने कहा कि यहां के लोग हमेशा दहशत में जी रहे हैं और यह भी आरोप लगाया कि कभी भी रेंजर दीक्षा वर्मन को अगर ग्रामीण किसी भी तरह की जानकारी देना चाहें तो वह फोन नहीं उठाती है, जिसके कारण यह हादसा हुआ।लोगों का यह भी कहना है कि रेंजर अर्जुन सिंह के कार्यकाल में इस तरह की कभी भी कोई घटनाएं नहीं हुई क्योंकि अर्जुन सिंह तत्काल फोन उठाते थे और रात-रात तक अपने दल बल के साथ भ्रमण भी करते थे जिससे हाथियों को समय रहते भगा दिया जाता था पर जब से रेंजर दीक्षा वर्मन आई है तब से जंगलों में पेड़ की अवैध कटाई भी बेख़ौफ़ होकर धड़ल्ले से जारी रहती है क्योंकि वह अपने क्षेत्र में दौरा ही नहीं करती।कई समाचार पत्रों में इस बाबत समाचार प्रकाशित कर वन विभाग के उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित भी कराया गया है, परंतु पता नहीं क्यों वन विभाग की क्या मजबूरी है कि दीक्षा वर्मन का ट्रांसफर होने के बाद भी इन्हें रोका गया है।जबकि रेंजर अर्जुन सिंह की उपस्थिति भी इस वक्त खड़गवां में ही है। पर प्रभार नही होने की वजह से वह कुछ नहीं कर सकते ऐसा लोगों का कहना है ।वहीं इस घटना के बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए तत्काल वन परिक्षेत्र अधिकारी खड़गवां के ऊपर स्थानांतरण की कार्यवाही करने की मांग की है ताकि दोबारा इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में ना हो सके।क्यों कि आए दिन इस क्षेत्र में हाथियों का आना-जाना लगा रहता है इसलिए यहां इस तरह के रेंजर की ड्यूटी लगाई जाए जिसको इस क्षेत्र के बारे में जानकारी हो और जो क्षेत्र के लोगों को समय समय पर उन्हें हाथियों से बचाने में सहयोग प्रदान कर सके।