दही से बनने वाला यह पेय पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है।
राजिम :- आयुर्वेद में छाछ को सात्विक आहार माना गया है। दही से बनने वाला यह पेय पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। जब भी आप भारी या मसालेदार भोजन की वजह से एसिडिटी का अनुभव करें, तो एक गिलास छाछ पी लें। पेट के लिए छाछ बहुत फायदेमंद है, खासकर गर्मियों में इससे बेहतर आपका मित्र और कोई नहीं हो सकता।
छाछ क्या है – कई लोग छाछ को दूध और मक्खन का मिश्रण मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जब दही को मथनी से मथा जाता है, तब मक्खन अलग हो जाता है और जो बचता है वो छाछ कहलाता है। छाछ अधिकांश भारतीय घरों में पाई जाती है और दैनिक रूप से भोजन के साथ या भोजन के बाद इसका सेवन किया जाता है। छाछ बनाने के विधि में कुछ मसाले भी शामिल होते हैं, जैसे कि जीरा पाउडर, काली मिर्च, अदरक, हरी मिर्च, करी पत्ता और धनिया पत्ता। ये सभी सामग्रियां छाछ के जायके और चिकित्सकीय गुण को बढ़ा देती हैं। इसका स्वाद कुछ खट्टा होता है। छाछ का यह गुण पाचन में सुधार का काम करता है। सूजन, जलन, पाचन संबंधी विकार, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी, एनीमिया और भूख की कमी के खिलाफ छाछ एक प्राकृतिक उपचार है।
छाछ के प्रकार – छाछ को प्राकृतिक दही से तैयार किया जाता है। फुल क्रीम दही से बनी छाछ में चीनी मिलाकर पीने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। यह अपनी विशेषताओं में प्राकृतिक दही के समान है।
जिस छाछ को बिना क्रीम वाली दही से तैयार किया जाता है, वह मुधमेह रोगियों और वजन से परेशान लोगों के लिए सटीक है। पानी के आधे अनुपात के साथ बनी छाछ पीने से ऊर्जा और पाचन में सुधार होता है। बिना फैट वाली छाछ थकान और पेट को ठंडा करने का काम करती है।
छाछ के फायदों के बारे में जानते है: –
शामिल हैं सभी आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स :- छाछ एक संपूर्ण भोजन है। यह पोषण से भरपूर है और एक अच्छे संतुलित आहार के लिए सभी आवश्यक तत्व इसमें मिल जाते हैं। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, न्यूनतम लिपिड (फैट), विटामिन और आवश्यक एंजाइम होते हैं। दैनिक रूप से इसका सेवन किया जाना चाहिए।छाछ में 90 प्रतिशत से अधिक पानी होता है, इसलिए इसका सेवन शरीर में जल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। आंतें इसे धीरे-धीरे एब्जॉर्ब करती हैं, क्योंकि इसकी सामग्री ज्यादातर प्रोटीन के साथ जुड़ी होती हैं। छाछ पीना किसी भी अन्य स्वाद वाले पेय या फिर सादे पानी की तुलना में बेहतर है। फर्मेंटेड छाछ का स्वाद खट्टा होता है, लेकिन जैविक रूप से मानव शरीर और कोशिकाओं के लिए बहुत पोषक भरा होता है।
पाचन तंत्र में सुधार :- छाछ के सेवन से मसालेदार और तीखे भोजन से पेट में होने वाली जलन से आराम मिलता है। यह भोजन के ज्वलनशील तत्वों को साफ कर देता है, जिससे पेट को आराम मिलता है। भोजन के बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसके स्वाद और चिकित्सकीय गुणों को बढ़ाने के लिए आप इसमें अदरक व जीरा पाउडर आदि मिला सकते हैं। छाछ शरीर की गर्मी को शांत करने का काम भी करता है। यह महिलाओं द्वारा खासतौर पर पसंद किया जाता है, क्योंकि यह रजोनिवृत्ति से पहले और बाद में शरीर की गर्मी को शांत करता है। साथ ही रजोनिवृत्ति से पीड़ित महिलाओं के कई लक्षणों को छाछ कम करने का काम करता है। अचानक गर्मी (हॉट फ्लैश) लगने जैसी समस्या से पीड़ित लोग छाछ को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकते हैं। साथ ही जिनके शरीर का तापमान और मेटाबॉलिज्म स्तर अधिक होता है, वो बटरमिल्क का लाभ उठा सकते हैं।
तैलीय भोजन को साफ करने का काम
अगर आप भारी भोजन के बाद पेट को फूला हुआ महसूस करते हैं, तो एक गिलास छाछ आपकी इस समस्या को शांत कर सकता है। छाछ के साथ अदरक, जीरा व धनिया आदि मिलाकर पीने से पाचन क्रिया को बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा, छाछ भोजन से तेल और वसा को साफ करने में भी कुशल है। भारी भोजन के बाद आमतौर पर लोग सुस्ती महसूस करते हैं, लेकिन भोजन के बाद एक गिलास छाछ आपकी इस सुस्ती को दूर कर सकता है। इसके सेवन के बाद आप अधिक चुस्त महसूस करने लगेंगे।
पाचन और पेट की बीमारियों का इलाज :- छाछ में काफी मात्रा में एसिड होता है, जो बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने का काम करता है और पाचन प्रणाली को सुचारू करता है। छाछ में मिलाए जाने वाले सभी मसाले पाचन एजेंट की तरह काम करते हैं। अदरक, काली मिर्च और जीरा सभी बेहतरीन पाचन गुणों से समृद्ध होते हैं। ये सभी कामिनटिव पदार्थ हैं, जो पेट से गैस को दूर करते हैं। इन सामग्रियों का एक साथ सेवन करने से जठरांत्र मार्ग ठंडा होता है। नियमित रूप से छाछ का सेवन करने से जठरांत्र संबंधी परेशानियां उत्पन्न नहीं होती हैं। छाछ से ठीक होने वाली पाचन संबंधी कुछ बीमारियां इस प्रकार हैं –
लैक्टोज इनटॉलेरेंस
अनियमित मल त्याग
कोलन कैंसर
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम
पेट में संक्रमण
डिहाइड्रेशन के खिलाफ प्रभावी :- दही में नमक व मसाले डालकर बनाई गई छाछ डिहाइड्रेशन को रोकने का एक प्रभावी उपचार है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स से भरा प्रभावी पेय है, जो शरीर से पानी की कमी और शरीर में गर्मी के खिलाफ लड़ने का काम करता है। गर्मियों के दौरान आप इसका आनंद जी भरकर ले सकते हैं। यह आपको चुभन भरी गर्मी, बेचैनी और थकान से आराम दिलाने का काम करेगा।
फैट के बिना कैल्शियम :- बहुत लोग मानते हैं कि यह बटरमिल्क है, इसलिए यह फैट और कैलोरी से भरा होगा, लेकिन सामान्य दूध की तुलना में इसमें कम फैट होता है। दूध में एक महत्वपूर्ण घटक होता है – कैल्शियम। दूध भी वसा से भरा होता है। लैक्टोज को सहन न करने वालों ( जो दूध का सेवन करने से बचते हैं) के लिए छाछ एकमात्र प्राकृतिक कैल्शियम का स्रोत है। ऐसे लोग छाछ का सेवन करके आवश्यक कैल्शियम ले सकते हैं। यह किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया का कारण नहीं होगा, क्योंकि लैक्टोज छाछ में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया को लैक्टिक एसिड में बदल दिया जाता है।
कैल्शियम शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। कैल्शियम हड्डियों के विकार जैसे ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छाछ अतिरिक्त कैलोरी के बिना कैल्शियम और पोषण की खुराक प्रदान करता है। दैनिक भोजन में आवश्यक कैल्शियम लेने से हड्डी के नुकसान की आशंका कम हो जाती है। यह हड्डी को स्वस्थ रखने में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से हड्डियों को दूर रखता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इन सभी गुणों के लिए छाछ को दैनिक आहार में शामिल करना अच्छा विकल्प है।
विटामिन में समृद्ध :- छाछ में बी कॉम्प्लेक्स विटामिन और विटामिन-डी जैसे गुण भी होते हैं। विटामिन की कमी के कारण होने वाली कमजोरी और एनीमिया जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए छाछ अच्छा विकल्प है। छाछ में मौजूद विटामिन-डी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम भी करता है। यह पेय आपको सुझाए गए किसी अन्य विटामिन स्रोत से 21 प्रतिशत से अधिक विटामिन की मात्रा देता है।
शरीर को करता है डिटॉक्स :- छाछ में राइबोफ्लेविन नाम का तत्व होता है, जो भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने, हार्मोन के स्राव और पाचन में सहायता करता है। साथ ही शरीर कोशिकाओं में एंजाइम को सक्रिय करने के लिए राइबोफ्लेविन का उपयोग करता है, जिससे ऊर्जा का उत्पादन होता है। यह लीवर के कार्य को भी प्रभावित करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में सहायता प्रदान करता है। बटरमिल्क में एंटी-ऑक्सीडेशन गुण भी होते ।
रक्तचाप को करता है कम :- अध्ययन से पता चलता है कि छाछ में भरपूर मात्रा में बायोएक्टिव प्रोटीन होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं। साथ ही छाछ में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण भी होते हैं। छाछ में मौजूद विशेष प्रोटीन रक्तचाप को नियंत्रित करने और कैल्शियम, पोटैशियम व मैग्नीशियम रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से छाछ पीने से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल करता है नियंत्रित :- कोलेस्ट्रॉल को कम करने और नियंत्रित करने के लिए छाछ एक प्राकृतिक उपाय है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने के लिए इसमें मौजूद तत्व बहुत प्रभावी हैं। यहां तक कि आयुर्वेदिक ग्रंथों ने भी छाछ के सेवन के गुण को अच्छा बताया है।
पेट की एसिडिटी करे ठीक :- छाछ पेट में होने वाली एसिडिटी या किसी अन्य तरह की गड़बड़ को शांत करने का काम करता है। इसके लिए आप छाछ में आवश्यक मसाले जैसे अदरक, नमक, जीरा व काली मिर्च आदि को मिलाकर पिएं। एसिडिटी से होने वाली पेट की जलन को यह आसानी से शांत कर देता है। साथ ही मसालेदार या तैलीय भोजन से होने वाली पेट की तकलीफ को भी दूर करता है।