विजया पाठक
भोपाल:- छत्तीसगढ़ के गठन के पश्चात प्रदेश के कई आईपीएस, आईएएस एवं अन्य अधिकारी ने राजनैतिक शरण के आगे नतमस्तक करने का चलन चालू हुआ। साल दर साल अधिकारियों की राजनैतिक सांठगांठ बढ़ती ही गई जो कि 2018 के बाद कांग्रेस सरकार बनते ही अपने चरम पर पहुंच गई। पूर्ववर्ती सरकार में ऐसे उदाहरण दिखते हैं जैसे राज्य का वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता अपनी सेवा के अंतिम तीन वर्ष निलंबित रहे। पर 2018 में कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार के सारे कीर्तिमान अधिकारियों ने स्थापित कर दिये। मलाईदार पोस्टिंग और मुख्यमंत्री की कोठरी में आने के लिए इन अधिकारियों ने तमाम हथकंडे अजमाये। इसका एक उदाहरण प्रदेश के 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी आरिफ शेख रहे हैं। आरिफ शेख को कांग्रेस सरकार बनते ही रायपुर में महत्वपूर्ण स्थान पर पदस्थ कर दिया गया। इसके बाद इनकी पात्रता नहीं होने के बावजूद इनको डिप्टी आईजी एन्टी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) एवं आर्थिक प्रकोष्ठ ईओडब्ल्यू में पदस्थ कर दिया गया। इन्होंने अपने पद का बेजा इस्तेमाल करते हुये मुख्यमंत्री और उनकी चांडाल चौकड़ी के खिलाफ जिसने भी लिखने और बोलने की हिम्मत की उनके उपर पुलिसिया दबाव और साजिशें की गई। इसका खुलासा तब हुआ जब इनकी व्हाटसअप चैट मीडिया में वायरल हुई, जिसमें यह अनिल कुमार टुटेजा ऊर्फ AKT ऊर्फ TA KUMAR से अपने कार्य और कार्यालय संबंधी बातें करते दिखे। आरिफ शेख अनिल कुमार टुटेजा से न केवल चैटिंग करते थे बल्कि उस चैटिंग में वह उनसे अवैध आदेश भी प्राप्त करते थे। इन चैटों में रिंकू खनूजा केस का उल्लेख किया गया है। गौर करने वाली बात है कि रिंकू खनूजा के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विनोद वर्मा, राजेश मूणत अश्लील सीडी काण्ड के आरोपी हैं। इसमें से रिंकू खनूजा ने बाद में आत्महत्या कर ली जिसके बाद से इस केस के तमाम गवाहों को डरा धमका कर होस्टाईल करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में केस ट्रांसफर के लिए याचिका भी लगाई है। इन चैटों को आयकर विभाग ने तीस हजारी कोर्ट के सामने रखा है। यह चैट केन्द्रीय एजेंसी द्वारा यश टुटेजा और अनिल टुटेजा पर छापेमारी के बाद उनके मोबाईल नम्बर से निकाले गये थे। खास बात यह है कि अनिल कुमार टुटेजा खुद मुख्यमंत्री की चाण्डाल चौकड़ी के महत्वपूर्ण सदस्य हैं और इस समय 36 हजार करोड़ के नान घोटाले के मुख्य अभियुक्त हैं। ऐसे में आरिफ शेख अनिल कुमार टुटेजा से किस हैसियत से अपने रोजमर्रा शासकीय कार्य की चर्चा करते थे एवं उनसे आदेश लेते थे जबकि अनिल कुमार टुटेजा गृह विभाग में या उससे संबंधित किसी विभाग में पोस्टिंग पर नहीं थे। आरिफ शेख न केवल अनिल कुमार टुटेजा बल्कि उनके पुत्र यश टुटेजा उर्फ से भी अपने कार्य संबंधी चैटिंग किया करते थे जबकि यश टुटेजा रायपुर शहर के एक छोटे-मोटे व्यवसायी हैं जिन पर आयकर विभाग के छापे भी पड़े थे। इन चैटिंग में यश टुटेजा द्वारा मुंबई से लाये हुये कोई उपहार का भी उल्लेख है जिसे आरिफ शेख ने धन्यवाद लिखकर स्थापित भी किया था। आरिफ शेख द्वारा अपने पद का प्रभाव दिखलाते हुये इस चाण्डाल चौकड़ी के कुकर्मों पर पर्दा डालने के कोशिश करते थे, चाहे अपने वरिष्ठ अधिकारी को फंसाने की बात हो, पत्रकारों के खिलाफ षडयंत्र रचना, मुख्यमंत्री और अनिल टुटेजा के केस संबंधी गवाहों को होस्टाईल करने की कोशिश हो या राज्य ज्यूडिशियरी पर प्रेशर डालने की बात, सारे अनैतिक काम आरिफ शेख (आईपीएस 2005 बैच) ने किया। आरिफ शेख ने मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 की कंडिका 12, 14 का उल्लंघन किया। इसके साथ ही इन्होंने ऑल इंडिया सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स, 1968 की कंडिका 3 (2बी) ए (6,12), कंडिका 8, कंडिका 9, कंडिका 11 का उल्लंघन किया एवं भ्रष्टचार निवारण अधिनियम 1988 का उल्लंघन किया है। जिससे आगे जाकर इस मामले में इनकी सेवा बर्खास्तगी हो सकती है। अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमन सिंह मामले में एक नजीर पेश की, जिसमें उन्हें बिलासपुर हाईकोर्ट से बरी होने के बाद वापस दोषी ठहरा दिया है। आरिफ शेख ने All India Services (Conduct) Rules, 1968 की कंडिकाओं के विपरीत पालन किया। यह व्हाटस एप चैट केन्द्रीय एजेंसियों के यश टुटेजा एवं अनिल कुमार टुटेजा पर छापों के दौरान जप्त मोबाइल से प्राप्त हुई है।आरिफ शेख ने सर्विस रूल्स के विपरित कार्य करने के कारण जॉच कर इनको नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आरिफ शेख को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। चूंकि एक आईपीएस अधिकारी की सेवा नियम केन्द्र सरकार के अधीन होती हैं तो ऐसे में इस तरह के भ्रष्ट, कदाचारी आचरण वाले आईपीएस अधिकारी को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश देना चाहिए। विडंबना हैकि प्रदेश के ऐसे युवा आईपीएस किस कदर भ्रष्टाचार के कीचड़ में फंस कर अपनीसेवा बर्खास्तगी की नौबत तक आ पहुंचे हैं। आज छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार को लेकरपूरे देश में कुख्यात हो गया है।